डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाएडिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए ज़िन्दगी ! जनम से लेकर मौत के बीच का वक़्त, वो वक़्त जिसमे हर पड़ाव से गुज़रते हुए आगे बढ़ना सीखते हैं, William Shakespeare की मशहूर कविता ‘the seven stages of my life’ की तरह अपनी सारी भूमिकाओं को निभाते हैं, ज़िन्दगी का सफर कभी भी किसी के लिए भी आसान नहीं होता ये तो उस इंसान के नज़रिये पर निर्भर करता है। डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए जब हमारे अंदर समझ आ जाती है तो हम ख्वाब देखना शुरू कर देते हैं, छोटे-छोटे या फिर बड़े – बड़े, goals set करते हैं short term या long term कमोबेश अपनी वर्तमान स्थिति से आगे बढ़ना चाहते हैं ठीक उसी तरह जैसे की एक ईंट ईमारत बनाना चाहती है, एक बूँद सागर बनाना चाहती है हम इंसान भी बहुत आगे बढ़ना चाहते हैं नाम इज़्ज़त पैसा सब चाहिए हमें बचपन से ही खुद की , parents की , family की और society की अपेक्षाओं का बोझ लाद कर खुद को एक limelight में खड़ा कर लेते हैं, दुसरो को पूरा अधिकार दे देते हैं की please मुझे judge करिये मेरी नाकामी की वजह बताइये, क्यूंकि आपने उनकी expectations को अपने cap की feather बना लिया है जहाँ लड़खड़ाए नहीं की feather गिर गया ! डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए अब सवाल ये है की क्यों? आपकी ज़िन्दगी में सफलता कब आएगी कितनी आएगी ? ये आप अपने हिसाब से क्यों नहीं तय कर सकते ? आप इतना pressure लेकर साबित क्या करना चाहते हैं ? सफलता इसलिए ज़रूरी हैं क्यूंकि उससे हमारी ज़िन्दगी बेहतर हो सके, इसलिए नहीं की अगर न मिले तो ज़िन्दगी ही ना रहे। जीवन में हमेशा मन चाहा नहीं होता, ईमारत की चाह रखने वाली ईंट कभी-कभी दीवार से आगे नहीं बढ़ पाती और विशाल समुन्दर की इक्षुक बूँद कभी घड़े के पानी में ही सिमट जाती है, पर वो अपना मूल स्वाभाव नहीं छोड़ती, निर्माण का, प्यास बुझाने का, आज के fast युग में जब सब कुछ instant है on the click है तो hum लोग इस सुविधा का लाभ उठाते-उठाते इस तकनीक के ग़ुलाम ही बन गए हैं, धैर्य, संयम और पुनर्विचार जैसे आवश्यक मानवीय मूल्यों का सर्वथा लोप हो गया है | डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए? जिसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे decision making capacity पर पड़ा है, complexities, failures, rejection, insult ये सब हम पर इस कदर हावी हैं की ईश्वर के दिए बहुमूल्य जीवन को हमने अपनी इस intolerance के आगे दांव पर लगा दिया है। रोज़ ही suicide की खबरों से news channels सराबोर हैं, suicide करने वालों के background में इतनी विविधता है की निर्णय लेना मुश्किल है, किस परिधि में इसका अवलोकन किया जाए ?डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए?
कहाँ तक mention करूँ list बहुत लम्बी है ! इतने सारे case study करने के बाद ये तो स्पष्ट हो गया की आत्महत्या करना, धर्म, जाती या अमीरी या गरीबी से परे है, तथाकथित तनाव को बर्दाश्त न कर पाना इसका मूल कारण है। डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए कपालभाति प्राणायाम (KapalBhati Pranayam) हम जान ही नहीं पाए की आखिर हम चाहते क्या हैं ?
हम यहाँ क्या अनदेखा कर रहे हैं ? सुलभ और प्राप्य ! जो हमारे पास है जो हमें मिला है वो हमारे happiness, peace and satisfaction के barometer में fit नहीं बैठता जो हमारे पास नहीं है, जो अप्राप्य है उसमे आकर्षण है वही लुभावना है, उसके बिना तो हम looser हैं ! हम pressure नहीं झेल पा रहे अपनी लड़ाई नहीं लड़ पाते अपनी मनोस्थिति में खुद ही फंस कर इतने विवश हो जाते हैं की अपने चारो तरफ फैली ईश्वर की भेंट नज़र ही नहीं आती | डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए जीवन में कोई भी समस्या बिना समाधान के है ही नहीं, कभी उससे लड़ना, कभी बर्दाश्त करना, कभी ignore करना या फिर कभी उससे बिलकुल दूर चले जाना ही समाधान होता है, ये आपकी परिस्थिति पर निर्भर करता है की आपको उसे कैसे हैंडल करना है, अपनी इक्षाशक्ति को इतना strong बनाना होगा की हम बाहरी थपेड़ों से विचलित न हो पाएं, डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए
जहाँ लगता है की जीवन का कोई अर्थ नहीं, I am nobody I cannot survive पर यकीन मानिये सब लोग कहीं न कहीं इन परिस्थितियों से दो चार हुए हैं, टूटे हैं रोये हैं पर हिम्मत नहीं हारी ! ज़िन्दगी की मुश्किलों पर फ़तेह हासिल की है, चैलेंजेज को opportunities में बदला है, डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए प्रश्न उठता है की कैसे ? इसका जवाब है अस्त्रों से weapons से, हमारे आपके पास ऐसे हथियार हैं जिससे हम depression, suicidal thoughts and negativity को हरा सकते हैं। और ये हथियार हैं हमारे डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए
Cut throat competition के इस युग में मानवीय मूल्यों को अपनी संस्कृति को विस्मृत करने का दंश हम गाहे बगाहे इस रूप में पा रहे हैं, हमारा अगला हथियार है, हमारे doctors (psychiatrists), अगर आपको लगता है की आपको medical help की ज़रुरत है बिना झिझक आप consult करें ये कोई शर्म की बात नहीं, mental wellness उतनी ही important है जितनी की physical wellness! डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए अगर workplace, college में किसी भी प्रकार का stress या torture feel हो रहा है तो आरम्भ में ही उसका निवारण कर लें, आप senior authorities की सहायता ले सकते है, जिससे problem है उससे discuss कर सकते हैं, आपको इन सबसे बाहर आना है इसके लिए आप maximum resources का utilization करें ! डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए
IBPS RRB Office Assistant Recruitment 2020 FOR BANKING JOBS आइये हम सब आह्वाहन करें एक ऐसी दुनिया का जहाँ समानुभूति हो, support system हो toxic judgement न हो बल्कि healthy suggestions हों ! जितना बन सके एक दुसरे की मदद करे। आइये साथ मिलकर इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाये, शायद तभी हमें इस प्रश्न का उत्तर मिल पायेगा की तुझको क्या चाहिए ज़िन्दगी…. डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए for latest govt. job follow www.resultdaddy.com, [email protected] अगर हमारा प्रयास आप लोगो को पसंद आया है तो हमारे ब्लॉग को subscribe करें… डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए डिप्रेशन और आत्महत्या के विचार से कैसे निपटा जाए |